अप्लास्टिक एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर नई रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में बोनमैरो में ब्लड बनने में दिक्कत आती है जिससे मरीज में कमजोरी, थकावट जैसी समस्याएं शुरू हो जाती है। यह बीमारी किसी भी उम्र के इंसान को हो सकती है
कारण – अप्लास्टिक एनीमिया का मुख्य कारण ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होता है। गर्भावस्था के दौरान अप्लास्टिक एनीमिया हो सकता हैं; हेपेटाइ्टिस होने के कारण अप्लास्टिक एनीमिया की समस्या हो सकती है; कीटनाशक के संपरक में आने से अप्तास्टिक एनौमिया का खतरा हो सकता है; कीमोथैरेपी दवाओं के कारण कुछ लोगों में अप्लास्टिक एनीमिया की समस्या उत्पन हो सकती है;
लक्षण – बुखार आना; सिरदर्द होना; नाक से खून आना; त्वचा पर लाल चक्ते आना; मसूडों से खून आना: चक्कर आना; चोट लगने पर रक्त स्राव होना; संक्रमण का जोखिम बार बार होना; ह्र्दय की गति बढ़ना; त्वचा में पीलापन; थकान महसुस करना; सांस लेने में कठिनाई होना।
Diet – Normal
Tab. Metronidazole 400mg-TDS
Tab. Ciprofloxacin 500mg – BD (tab. Ciplox 500mg)
Tab. Paracetamol 500mg – TDS
Tab. Domperidone 10mg-TDS (B/M)
Cap. Esomeprazole 20mg- BD (omee)
Tab. Folic acid 5mg- TDS
Blood transfusion according to anaemia. Iron Chelating agent in Thalassaemia(एनीमिया के अनुसार रक्त आधान। थैलेसीमिया में आयरन चेलेटिंग एजेंट)
Inj. Desferrioxamine 500mg 2 vial + Inf.0.9% NaCl 1000ccIV @ 20 drops/min